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नकली दवा का काला कारोबार कई राज्यों में फैला हुआ है। यहां दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान ग्वालियर से बड़ी मात्रा में नकली दवाएं (सैंपल नॉट फॉर सेल की लेबल लगाकर) आ रहीं थी। इन्हें फव्वारा दवा बाजार के 50 थोक दवा की दुकानों पर सप्लाई किया जा रहा था। वहीं, गिरोह का सरगना संजीव गोयल पता बदलकर नकली दवा का अवैध धंधा कर रहा था। वह हाईस्कूल पास है। टीम ने गिरोह से जुड़े लोगों के सुबूत जुटाए हैं। औषधि विभाग की टीम ने बुधवार रात को छापा मारकर 39 बोरे नकली दवाएं जब्त की थी। यहां संजय गोयल द्वारा नकली दवा का अवैध धंधा करने की जानकारी दी थी। ये दोनों मौके फरार हो गए थे। औषधि निरीक्षक शर्मा ने बताया कि जांच में सामने आया है कि संजीव गोयल ने 2003 में नाम से थोक दवा का पंजीकरण कराया था। यह 2008 तक था, इसके बाद नवीनीकरण कराया गया, 2018 में नवीनीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया। इसमें पता बदल दिया गया पते पर टीम ने नकली दवाएं पकड़ी हैं। ऑनलाइन आवेदन में शैक्षिक योग्यता यूपी बोर्ड से 1989 में 60 फीसद अंक से हाईस्कूल उत्तीर्ण लिखा है।
नकली दवा का काला कारोबार चर्म सीमा पर
नकली दवा का काला कारोबार चर्म सीमा पर