इंदौर. खाद्य विभाग ने दो दिन पहले ऑर्डर देकर नकली घी तैयार करवाया। उसके बाद जब शनिवार को सुबह नकली घी की डिलेवरी हुई तो उसे आरोपी सहित पकड़ लिया। उसके पास से 90 किलो नकली घी से भरे 6 टीन के डिब्बे भी जब्त किए गए। पूछताछ में राऊ स्थित घर से एक डिब्बा घी और नकली घी तैयार करने का सामान मिला। सालभर पहले पीथमपुर की पाइप फैक्ट्री से नौकरी छोड़ी और फिर नकली घी बनाना शुरू कर दिया। अभी तक इसने 700 डिब्बे नकली घी लगभग 10 हजार 500 किलो कुल कीमत 15 लाख 75 हजार रुपए का बाजार में खपा दिया है। विजय नगर पुलिस द्वारा इसके खिलाफ केस भी दर्ज किया गया है। टीम द्वारा सुगंध के लिए एसेंस नहीं मिलाने का कारण पूछा तो बताया कि एसेंस से पकड़े जाने का डर रहता है, इसलिए जली हुई मलाई मिलाते थे।
शहर में नकली घी बनाने के कारखाने और उसके सप्लाय करने वाले को खाद्य विभाग के अफसरों ने छापा मारकर पकड़ा। मुख्य खाद्य अधिकारी मनीष स्वामी ने बताया कि राऊ और आसपास के क्षेत्र में नकली घी बनाए जाने की सूचना मिली थी। इस पर नकली घी निर्माता से फाेन पर चर्चा की और दो दिन पहले 6 डिब्बे नकली घी का ऑर्डर दिया। 2100 रुपए प्रति 15 किलो के हिसाब से सौदा तय हुआ। शनिवार को सुबह 10.30 बजे रेडिसन चौराहे पर डिलेवरी देना तय किया गया। इसके चलते खाद्य विभाग की टीम ने मोर्चा संभाल लिया था। एक घंटा देरी से राम पिता दगडू गिरी निवासी गुरुकुल कॉलोनी राऊ बाइक पर 6 डिब्बे नकली घी लेकर पहुंचा। मनीष स्वामी के डिलेवरी लेते ही बाकी की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपी के साथ जब टीम उसके राऊ स्थित घर पहुंची तो वहां पर एक डिब्बा तैयार माल के अलावा नकली घी तैयार करने के बर्तन भी मिले।
आरोपी राम ने बताया कि सालभर पहले तक वह पीथमपुर स्थित पाइप बनाने की फैक्ट्री में मजदूरी करता था। वहां उसे एक साथ ने नकली घी तैयार करना सिखा दिया। उसके बाद उसने मजदूरी छोड़कर घर में ही नकली घी बनाने का कारखाना शुरू कर दिया। इसके लिए उसने पालदा, नायता मुंडला, मुंडला, नेमावर रोड की डेयरियों पर 150 रुपए प्रति किलो के भाव में घर सप्लाय करना शुरू किया। शादी-पार्टी के ऑर्डर मिलने पर बल्क में भी सप्लाय करने लगा था। इसके अलावा अासपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी नकली घी को सप्लाय करता था। उसके इस काम में पत्नी व आसपास के मित्र उसकी मदद करते थे।
नकली घी का 15 किलो का एक डिब्बा तैयार करने में उसे 15 मिनट का ही समय लगता था। राम ने बताया कि 13 किलो वनस्पती को बड़े भगौने में डालकर उसमें एक से दो किलो शुद्ध घी मिलाता था। फिर उसको गर्म करने के बाद कुछ हल्का ठंडा होने पर उसे 15 किलो के टीन के डब्बे में भर लेता था। उसके बाद खुशबू के लिए उसमें 2 चम्मच जली हुई मलाई डालकर लकड़ी या लोहे की रॉड से घुमाकर फेंट लेता था। ऐसे दिनभर में ऑर्डर के मुताबिक एक से दो डिब्बे तैयार करके बेच देता था।
मनीष स्वामी ने बताया कि आरोपी द्वारा जिन दूध डेयरियों पर नकली घी को सप्लाय किया जाता था। उन पर भी छापे मारकर सैंपलिंग की कार्रवाई करेंगे। उसके सैंपल जांच में फेल होने पर डेयरी संचालकों पर भी कार्रवाई की जाएगी।